Sukheti

Month: September 2023

पौधे के लिए आवश्यक पोषक तत्व व उनके कार्य

सभी किसान इसे पूरी तरह याद कर लीजिए  खेती के पूर्ण ज्ञान के लिए बहुत आवश्यक है
पौधे को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए 40% कार्बन, 6% हाइड्रोजन, 44% आक्सीजन की यानि ये 3 तत्व ही 40+06+44=90% आवश्यकता होती है और हम सिर्फ 10% को ही ज्यादा महत्वपूर्ण मानकर सबकुछ गङबङ कर बैठे हैं ।
मिट्टी में कार्बन की मात्रा 2% होनी चाहिए। जो घटकर 0.02 से 0.03 ही रह गई है। इसी असंतुलन की वजह से ज्यादा खाद और दवाओं की खपत बढाने पर किसान मजबूर हो गये हैं।
पौधे के लिए आवश्यक पोषक तत्व व उनके कार्य: – पौधे को 16 तत्वों की आवश्यकता होती है,
मुख्यघटक
कार्बन (C), हाइड्रोजन (H) और ऑक्सीजन (O)

मुख्य पोषक तत्व
1 नाइट्रोजन (N): –
– प्रोमोशनल विकास
– यह एमिनो एसिड, प्रोटीन और एंजाइमों के गठन में मदद करता है।
– क्राइसेंथेमम के उत्पादन के लिए

2 फॉस्फोरस (P): –
– जड़ों, शाखाओं और फूलों के विकास के लिए
– एटीपी के प्रारूप में
– ट्रंक के मजबूत विकास के लिए
– प्रकाश संवेदना में महत्वपूर्ण भूमिका

3 पोटाश (K): –
– फल के विकास के लिए
– फल की गुणवत्ता के लिए
– प्रतिरक्षा में वृद्धि
– धुरी को विनियमित करना
– नाइट्रोजन की वापसी में वृद्धि

भूमि सुधारक ( सेकंडरी तत्व )

1. कैल्शियम (Ca) –

– सेल की संरचना में
– सेल विभाजन द्वारा पैन-फलों के विकास के लिए
– शुरुआती जड़ों के तेजी से विकास के लिए

2. मैग्नीशियम (Mg): –

– क्राइसेंथेमम की संरचना के लिए
– पौधे के हरे रंग के (रंग) के लिए
– फॉस्फेट चयापचय में भी मदद करता है

3. सल्फर (S): –
– एमिनो एसिड के उत्पादन के लिए
– क्राइसेंथेमम के उत्पादन के लिए
– तेल का प्रतिशत बढ़ाने के लिए
– प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाएं

4. जिंक (Zn): –
– ऑक्सीक्स एंड: इमल्शन बनाता है और पौधे के अग्रणी को विकसित करता है
फूलों और फलों के विकास के लिए
– डीएनए की संरचना में एक महत्वपूर्ण भूमिका है
जस्ता के बिना अधिक उत्पाद संभव नहीं है
– फॉस्फोरस और नाइट्रोजन निकासी बढ़ाता है

5. बोरॉन (B)-
– सेल विभाजन और विकास के लिए
– प्रत्यारोपण ग्लूकोज की ओर जाता है
– फूलों के फुलब्रेशन को बढ़ाता है
– फल के विकास के लिए
– बोरॉन पत्तियां कैल्शियम परिवहन में वृद्धि करती हैं।

6 कॉपर (Cu) –
– प्रकाश संश्लेषण में बहुत उपयोगी है
– कार्बन समेकन में सहायक
– मिट्टी कवक के खिलाफ सुरक्षा करता है

7 आयरन (Fe) –
क्लोरीन के उत्पादन के लिए सहायक
– वर्णक के उत्पादन के लिए
– एंजाइमों की तैयारी के लिए
– विटामिन ए और प्रोटीन के उत्पादन के लिए

8 मैंगनीज (Mn)-
– क्राइसेंथेमम के उत्पादन के लिए
– नाइट्रोजन के चयापचय के लिए
– बीज की शक्ति बढ़ाएं।
– फल फॉस्फोरस और कैल्शियम की उपस्थिति में परिपक्व बनाता है

9 मोलिब्डेनम (Mo) –
– एंजाइमेटिक प्रक्रिया को बढ़ाता है
– एमिनो एसिड बनाये जाते हैं
– rhizobium द्वारा नाइट्रोजन स्थापित करता है

10 निकिल (Ni): –
– एंजाइम प्रक्रिया प्रगतिशील बनाते हैं
नाइट्रोजन बनाने में मददगार
– यूरिया एंजाइम प्रक्रिया को बढ़ाता है

11 क्लोराइड (Cl)-
– प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक ह

क्या आप जानते है पौधो को नाईट्रोजन कैसे मिलती है?

दिल से ़़़़़
क्या आप जानते है पौधो को नाईट्रोजन कैसे मिलती है?

यह तो हम जानते है कि पत्तों को प्रोटीन की निर्मिति हेतु ऩाईट्रोजन की आवशयकता होती है। पत्तों के इर्द गिर्द हवा में 78.6 प्रतिशत नाईट्रोजन होती है । हवा में नाईट्रोजन का महासागर है किन्तु ईश्वर ने पत्तो को हवा से नाईट्रोजन लेने की छमता नहीं दी है। ईश्वर ने यह छमता एक सुक्छम जीवाणु को दी है जिसको हम नाईट्रोजन उपलब्ध करवाने वाला जीवाणु (Nitrogen fixing bacteria) कहते है। जिसका हमने संक्छिप्त नाम नत्राणु रखा है ।
ये नत्राणु दो प्रकार के होते है:-
1. सहजीवी ( Symboitic)
2. असहजीवी ( Non Symboitic)

1.सहजीवी नत्राणु भी तीन प्रकार के होते है:-
क. रायझोबियम नत्राणु ( Rhyzobium)
ख. माइकोराजा फफूंद
ग. नील हरित शैवाल
ये सहजीवी नत्राणु फलीवर्गीय द्वि दलीय फसलों के पेड़ पौधो की जड़ो पर जो गाठें होती है, उनमें निवास करते है । इसमें सारे दलहन आते है जिनकी संख्या 568 है। इन गांठों में रायझोबियम सहजीवी नत्राणु निवास करते है । जब पत्तों में प्रोटीन निर्मिति के लिये नाईट्रोजन की आवशयकता होती है तो जड़ें गांठों में निवासी रायझोबियम के माध्यम से हवा से नाईट्रोजन लेती है तथा इसके बदले में जड़े रायझोबियम जीवाणुओं को शर्करा देती है।इसे सहजीवन कहते है, इसका मतलब है अगर हवा से नाईट्रोजन लेना है और जड़ो को उपलब्ध करना है तो हमें दलहन की अन्तर फसल लेनी होगी।

2. असहजीवी नत्राणु
ऑझोटोबॉक्टर ( Azotobacter), ऑझोस्पीरीलम ( Azospirrilium), बायजेरींकिया ( Biejerinkia), फ्रेन्किया ( Frankia), सुडोमोनास( Pseudomonas) आदि कुल 136 प्रकार के असहजीवी नत्राणु है ।
ये जीवाणु जड़ो के पास तो बैठे रहते है किन्तु जड़े के ऊपर नहीं। ईश्वर ने इन्हे कार्य सौंपा है कि हवा से नाईट्रोजन लेकर जड़ें को दो लेकिन जड़ो से कुछ मत मांगो। जड़ो द्वारा नाईट्रोजन मांगने पर ये हवा से नाईट्रोजन तो लेते है किन्तु जड़े के हाथ में न देकर उसके सामने पटक देते है इसी लिये इन्हे असहजीवी नत्राणु कहते है ।
असहजीवी नत्राणु एक दलीय पौधे की जड़ो के पास होते है जबकि सहजीवी नत्राणु द्विदलीय पौधों की जड़ो में होते है । अत: यदि दोनों एक साथ है तभी पौधे जड़ो से नाईट्रोजन ले सकते है अन्यथा नहीं।

अत: यदि हमें यूरिया बंद करनी है तो यदि मुख्य फसल एक दलीय है तो अन्तर फसल द्विदलीय लेनी होगी तथा यदि मुख्य फसल द्विदलीय है तो अन्तर फसल एक दलीय लेनी होगी ।

इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे हम आगामी कार्यशाला में।